The Greatest Guide To Shodashi
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The Mahavidyas are a profound expression of the divine feminine, each symbolizing a cosmic functionality along with a path to spiritual enlightenment.
इस सृष्टि का आधारभूत क्या है और किसमें इसका लय होता है? किस उपाय से यह सामान्य मानव इस संसार रूपी सागर में अपनी इच्छाओं को कामनाओं को पूर्ण कर सकता है?
ध्यानाद्यैरष्टभिश्च प्रशमितकलुषा योगिनः पर्णभक्षाः ।
॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥
सा नित्यं मामकीने हृदयसरसिजे वासमङ्गीकरोतु ॥१४॥
उत्तीर्णाख्याभिरुपास्य पाति शुभदे सर्वार्थ-सिद्धि-प्रदे ।
वन्दे सर्वेश्वरीं देवीं महाश्रीसिद्धमातृकाम् ॥४॥
यदक्षरमहासूत्रप्रोतमेतज्जगत्त्रयम् ।
This Sadhna evokes innumerable strengths for all round economic prosperity and security. Growth of small business, title and fame, blesses with prolonged and prosperous married lifetime (Shodashi Mahavidya). The final results are realised instantaneously after the accomplishment of your Sadhna.
लक्ष्या या चक्रराजे नवपुरलसिते योगिनीवृन्दगुप्ते
Goddess Tripura Sundari is usually depicted as being a maiden donning fantastic scarlet habiliments, dim and lengthy hair flows and is completely adorned with jewels and garlands.
Her purpose transcends the mere granting of worldly pleasures and extends towards the purification on the soul, resulting in spiritual enlightenment.
॥ ॐ क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं श्रीं ॥
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों read more के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।